कहीं दिल के कोने में दबी।
झांकती हुई एक छुपी सी ख्वाहिश है कहीं ......
आसमानों में उड़ने की नहीं,
पर अपनी सी लगे जो,
उस एक टुकड़े ज़मीन को पाने की।
एक छुपी सी ख्वाहिश है कहीं ......
सूरज के उजाले को छोड़कर ,
एक अपना सिर्फ अपना खामोश अँधेरा सा कोना ढूँढने की।
एक छुपी सी ख्वाहिश है कहीं .....
अपने आस पास की मुस्कुराहटों से दूर जाकर
एक छोटी सी मुस्कराहट अपने अन्दर ढूँढने की।
एक छुपी सी ख्वाहिश है कहीं ....
दूसरों की आशाओं को भूलकर
थोड़ी देर के लिए ही सही,पर खुदगर्ज़ हो जाने की।
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