Tuesday, March 17, 2015

पुरानी डायरी

अलमारी की किसी भूली हुई दराज से, आज वो पुरानी डायरी निकल आई.
थोड़ी खट्टी, थोड़ी मीठी नजाने कितनी यादें साथ ले आई,
सोचा था आज का दिन भी गुज़र जाएगा मुर्दों की तरह,
पर एक पुराने दोस्त के जैसी वह डायरी, आज के लिए थोड़ी सी ज़िन्दगी साथ ले आई !!


No comments:

Post a Comment

your appreciations and feedback means a lot.... do let me know if you like it and even if you don't :)